वैष्णो देवी है। वह पवित्र स्थल बना कैसे था? छोटी सी थी मां दुर्गा। भैरव बाबा से भाग रही थी, छुप रही थी। अपना स्थान बदल रही थी। फिर जाकर वह गुफा में बैठ जाती हैं। ये एनर्जी है। ये कहानी है। ये पटकथा है उस पवित्र स्थल की। तो जब आप जाते हो ना तो यही कहानी अपने साथ लेकर आते हो। इसी कहानी का जो भार है वो अपने भाग्य में लेकर आते हो। आपका घर बदल जाता है। 2 बीएचके, 3 बीएचके हो जाता है। 3 बीएचके से आप 5 बीएचके में चले जाते हो। किराए के घर से अपने घर में चले जाते हो। यह ब्लेसिंग मिलती है।
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